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गर्मी में शरीर का तापमान बढ़ना खतरनाक:  हीट स्ट्रोक से हार्ट अटैक और ब्रेन डैमेज का खतरा; लक्षण दिखते ही करें ये 5 काम, जानें बचाव

गर्मी में शरीर का तापमान बढ़ना खतरनाक: हीट स्ट्रोक से हार्ट अटैक और ब्रेन डैमेज का खतरा; लक्षण दिखते ही करें ये 5 काम, जानें बचाव


2 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारी

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यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के मुताबिक, भारत में 2024 में हीट स्ट्रोक से 360 लोगों की मौत हुई। वहीं, हीट वॉच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में हीट स्ट्रोक के 40 हजार से ज्यादा मामले सामने आए और 733 लोगों की मौत हुई। हीट वॉच के आंकड़े ऑफिशियल आंकड़ों से दोगुने हैं।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, देश में अगले 10 दिन भीषण गर्मी पड़ सकती है। कई शहरों में अभी से टेम्परेचर 40 डिग्री तक पहुंच गया है। 20 से ज्यादा शहरों में तो 42 डिग्री पार कर गया है। देश के कई इलाकों में अभी से हीटवेव का अनुमान है।

टेम्परेचर बढ़ने पर हीट स्ट्रोक यानी लू का जोखिम भी बढ़ जाता है। हीट स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है। इससे लाइफ थ्रेटनिंग कंडीशन बन सकती है।

इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज हीट स्ट्रोक की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • हीट स्ट्रोक क्या है?
  • इससे क्या कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं?
  • इसका इलाज और बचाव के उपाय क्या हैं?

हीट स्ट्रोक क्या है?

जब हमारे आसपास के वातावरण का टेम्परेचर इतना बढ़ जाता है कि हमारा शरीर इसके अनुपात में खुद को कूल नहीं कर पाता है तो शरीर का टेम्परेचर भी बढ़ जाता है। इससे शरीर का टेम्परेचर भी बढ़ जाता है।

हीट स्ट्रोक के लक्षण क्या हैं?

हीट स्ट्रोक होने के बाद शरीर में बहुत गर्मी महसूस होती है। ऐसा लगता है, जैसे शरीर तप रहा है। इसके साथ मतली और उल्टी की समस्या भी हो सकती है। चक्कर और कमजोरी इतनी ज्यादा हो सकती है कि आपको खड़ा रहना भी मुश्किल हो जाता है। मानसिक स्थिति में भी बदलाव आ सकता है, जैसे-भ्रम और उलझन महसूस होने लगता है। इसके सभी लक्षण ग्राफिक में देखिए

हीट स्ट्रोक होने पर क्या कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं?

हीट स्ट्रोक होने पर अगर समय पर इलाज न किया जाए तो कई खतरनाक कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं।

  • ऑर्गन डैमेज: हीट स्ट्रोक से शरीर के महत्वपूर्ण ऑर्गन जैसे- हार्ट, किडनी और लिवर प्रभावित हो सकते हैं। अगर ये ऑर्गन ठीक से काम नहीं करते हैं लाइफ थ्रेट हो सकता है।
  • हार्ट अटैक और ब्लड फ्लो में समस्या: हीट स्ट्रोक से हार्ट अटैक या हार्ट फेल्योर हो सकती है। ब्लड प्रेशर लो होने से और दिल की धड़कन तेज हो सकती हैं।
  • ब्रेन डैमेज: लंबे समय तक टेम्परेचर ज्यादा रहने के कारण ब्रेन को नुकसान हो सकता है, जिससे ब्रेन में स्वेलिंग और कॉग्निटिव समस्याएं हो सकती हैं। यह मेमोरी में कमी और भ्रम की वजह बन सकता है।
  • स्ट्रोक: हीट स्ट्रोक के दौरान मस्तिष्क पर अधिक दबाव पड़ने से स्ट्रोक भी हो सकता है, जिससे ब्रेन के कुछ हिस्सों को स्थायी नुकसान हो सकता है।
  • किडनी फेल्योर: शरीर का टेम्परेचर ज्यादा रहने पर किडनी भी प्रभावित हो सकती है, जिससे किडनी फेल्योर हो सकता है।
  • लिवर डैमेज: ज्यादा गर्मी से लिवर का काम प्रभावित हो सकता है, जिससे लिवर फेल्योर हो सकता है।
  • सांस लेने में मुश्किल: हीट स्ट्रोक से सांस की नली और फेफड़े प्रभावित हो सकते हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।

हीट स्ट्रोक का इलाज क्या है?

हीट स्ट्रोक एक इमरजेंसी कंडीशन है, जिसमें तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है। हालांकि, इससे पहले तत्काल फर्स्ट एड देना बहुत महत्वपूर्ण है। यह व्यक्ति की जान बचाने में मदद कर सकता है। अगर किसी व्यक्ति को हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उसे डॉक्टर के पास ले जाने से ये उपाय करें:

इसमें खुद से कोई भी इलाज करने की बजाय डॉक्टर और हॉस्पिटल की मदद लें।

हीट स्ट्रोक से बचने के लिए क्या करें

हीट स्ट्रोक से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम हैं, जिन्हें अपनाकर इस खतरनाक कंडीशन से बचा जा सकता है। ये कुछ आसान और प्रभावी तरीके हैं:

1. घर को ठंडा रखें

गर्मियों में अपने घर को ठंडा बनाए रखना बहुत जरूरी है। पंखे और एयर कंडिशनिंग का इस्तेमाल करें। अगर बाहर का टेम्परेचर 37.2°C यानी 99°F से ज्यादा हो तो केवल पंखे का इस्तेमाल पर्याप्त नहीं होता है। ऐसे में एसी या कूलर की जरूरत पड़ सकती है। कमरे में ठंडा एनवायर्नमेंट बनाना जरूरी है।

2. बहुत गर्म दिनों के लिए प्लान बनाएं

अगर आपका घर ठंडा नहीं है तो ठंडी जगहों पर जाने का प्लान बनाएं जैसे कि कम्युनिटी सेंटर, शॉपिंग मॉल्स, सिनेमा थिएटर या रिश्तेदारों के घर। इन जगहों पर आप राहत पा सकते हैं।

3. हाइड्रेटेड रहें

गर्मी में फिजिकल एक्टिविटी करने से पहले, उस दौरान और बाद में खूब पानी पिएं। साथ ही, इलेक्ट्रोलाइट्स यानी ओआरएस आदि का घोल मिलाकर पिएं। इससे शरीर में जरूरी मिनरल्स और पानी बैलेंस्ड बना रहे। आराम करते समय भी हाइड्रेटेड रहना उतना ही जरूरी है।

4. गर्मी से बचने के लिए समय का ध्यान रखें

गर्मी में ज्यादा फिजिकल एक्टिविटीज करने से बचें या सुबह के ठंडे समय में करें। अगर आपको काम के लिए बाहर गर्मी में जाना पड़े तो ब्रेक लें और बीच-बीच में कुछ ठंडी जगहों पर जाएं।

5. शरीर को गर्मी के लिए अनुकूलित करें

अगर आपको नियमित रूप से गर्मी में काम करना होता है तो धीरे-धीरे अपने शरीर को गर्मी के लिए अनुकूलित करें। इसका मतलब है कि पहले हल्की एक्टिविटीज से शुरुआत करें और धीरे-धीरे समय और तीव्रता बढ़ाएं ताकि आपका शरीर गर्मी के साथ तालमेल बैठा सके।

……………………. सेहत की ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- शरीर कितनी गर्मी सहन कर सकता है: क्या है वेट बल्ब टेम्परेचर, डॉक्टर से जानें हीटवेव से बचने के लिए क्या करें?

हमारा शरीर एक खास सीमा तक यानी 37 डिग्री सेल्सियस तक ही गर्मी सहन कर सकता है। अगर तापमान इससे थोड़ा बढ़ता है तो शरीर खुद को ठंडा करने के लिए पसीना निकालता है। पूरी खबर पढ़िए…

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