कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लखनऊ की एसीजेएम-2 कोर्ट में सोमवार 14 अप्रैल को पेश होना था, लेकिन डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती पर न्यायालय में अवकाश घोषित होने के चलते मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। अब यह मामला मंगलवार सुबह एसीजेएम-3 आलोक वर्मा की अदालत में
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शिकायतकर्ता अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय ने बताया कि राहुल गांधी की अनुपस्थिति को लेकर अदालत से गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी करने की मांग की जाएगी। उनका कहना है कि अगर राहुल गांधी कोर्ट में पेश नहीं होते हैं, तो यह मामला हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक भी जा सकता है।
सावरकर पर बयान से शुरू हुआ था विवाद
यह पूरा मामला 17 दिसंबर 2022 का है, जब राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के अकोला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ और ‘पेंशन लेने वाला’ कह दिया था। आरोप है कि राहुल गांधी ने समाज में वैमनस्य फैलाने की मंशा से बयान दिया और इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को पहले से छपे पर्चे भी वितरित किए गए।
हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
इससे पहले निचली अदालत के समन पर राहुल गांधी के वकीलों ने 2 अप्रैल को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में धारा 482 के तहत याचिका दाखिल की थी, जिसे एकल पीठ ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ता निचली अदालत में प्रस्तुत हों।
14 अप्रैल की तारीख अहम थी, अब मंगलवार को होगा फैसला
निचली अदालत ने राहुल गांधी पर ₹200 जुर्माना लगाते हुए उन्हें 1 महीने 10 दिन का समय दिया था कि वे 14 अप्रैल को अदालत में पेश हों। लेकिन अंबेडकर जयंती की छुट्टी के चलते यह सुनवाई टल गई। अब सबकी निगाहें मंगलवार की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां एनबीडब्ल्यू जारी करने या राहुल गांधी की पेशी को लेकर बड़ा फैसला आ सकता है।